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भारतीय वायु सेना की वीरता को सलाम करते हुए रामाज्ञा स्कूल नोएडा में किड्स स्पोर्ट्स लीग सीजन-2 का भव्य आयोजन

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दिल्ली-एनसीआर के जान-माने रामाज्ञा स्कूल, नोएडा ने व्हाइट कैनवस के साथ मिलकर स्कूल प्रांगण में नोएडा में अब तक आयोजित बच्चों की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स लीग- किड्स स्पोर्ट्स लीग सीजन-2 (केएसएल सीजन-2) का भव्य आयोजन किया। जहां एक तरफ इस आयोजन ने सभी को रोमांच और उत्साह से भर दिया वहीं इस अवसर पर सभी ने भारतीय वायु सेना के योगदान एवं वीरता को सलाम करते हुए बच्चों में देशभक्ति के जज्बे को जगाया। इस अवसर पर सैनिको के प्रति कृतज्ञता व्यक्ति करते हुए भारत माता के वीर सपूतों को सलाम किया गया जो देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं और युद्ध के समय अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए अनुकरणीय वीरता का प्रदर्शन करते हैं। गौरतलब है कि रामाज्ञा स्कूल भारत की सबसे बड़ी किड्स स्पोर्ट्स लीग के आयोजन के लिए पहले ही नेशनल रिकॉर्ड धारक है। केएसएल सीजन-2 में 2 वर्ष से 8 वर्ष तक आयु वर्ग के 300 से भी अधिक छात्रों ने भाग लिया एवं इस आयोजन में नोएडा के विभिन्न प्ले स्कूल के बच्चे भी सम्मिलित हुए। इस भव्य आयोजन की शुरूआत रामाज्ञा स्कूल नोएडा की प्रिंसपल सुश्री ...

महाराणा कुम्भा जयंती पर कुम्भलगढ़, चित्तौड़गढ़, रणकपुर तथा उदयपुर के सिटी पेलेस व मोती मगरी में लगी ऐतिहासिक प्रदर्शनियां

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सर्वांगीय मेवाड़ के निर्माता महाराणा कुम्भा  महाराणा कुम्भा की 602वीं जयंती के अवसर पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से कुम्भलगढ़ के ऐतिहासिक दूर्ग, चित्तौड़गढ़ के कुम्भा महल, रणकपुर के सूर्यनारायण मंदिर तथा उदयपुर के सिटी पेलेस व मोती मगरी में महाराणा कुम्भा के जीवनकाल से जुड़े ऐतिहासिक चित्रों व जानकारियों की प्रदर्शनियां लगाई गई हैं।  महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि फाउण्डेशन की आउटरिच गतिविधियों का उद्देश्य वर्ष में मेवाड़ के महाराणाओं और उनके द्वारा जन एवं राज्यहितार्थ में किये गये कार्यों तथा उनके काल की ऐतिहासिक घटनाओं से मेवाड़ में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों एवं विद्यार्थियों को भी रू-ब-रू करवाना है। महाराणा कुम्भा शिल्पशास्त्र के ज्ञाता एवं अपने युग के प्रसिद्ध स्थापत्य निर्माता होने के साथ ही कला एवं कलाकारों के संरक्षक भी थे। मेवाड़ में लगभग 84 किलों मे से 32 किलों के निर्माण का श्रेय महाराणा कुम्भा को दिया जाता है।  मेवाड़ राज्य की सीमाओं को स...